हर पूर्णमासी तो आयी और आकार मायूस चली गयी इस इंतेज़ार में की तुम आओगे और देखो न अब इस साल की आखिरी पूर्णमासी ये भी खामोश सी, डरी हुई अपना झोला उठाये जा रही अब कभी न लौटने के लिए। #पूर्णमासी #पूर्णिमा_का_चाँद #रातकाअफ़साना #bestyqhindiquotes #तन्हाई