रात की इस कालिमा में, बर्फ़ शिख मुर्धन्य हैं सर्वस्व प्रकृति अनामिका में, परमात्मा चैतन्य हैं "प्रकृति और परमात्मा" यह कविता मैंने लिखने के बारे में सोचा नहीं था... यह तो बस मेरे हृदय में प्रकट हो गया... बात आती है प्रेरणा की तो यह बोलना चाहूँगा की "विज्ञान दर्शन" नामक एक पुस्तक जो Vihangam Yog Sansthan के द्वारा प्रकाशित है - उसमें प्रकृति के तत्त्वों के विषय में कुछ दिनों पहले मैंने पढ़ा था.. शायद यही वजह रही होगी इस कविता की रचना में। #प्यारीहिंदी #सीखामैंने #alokstates #विहंगमयोग #naturepoetry #hindipoetry #yqbaba #yqdidi