हज़ार ख़्वाहिशों का बोझ लिए चलते हैं, कभी दिन की तरह उगते हैं तो कभी शाम की तरह ढलते हैं कभी तन्हा राहों में भी किसी को साथ लिए चलते हैं तो कभी अपनो की भीड़ में भी तन्हा हुए फिरते हैं यूँ तो कई चाहते पूरी होने का गुमान किया करते हैं पर असल में तो हज़ार ख़्वाहिशों का बोझ लिए चलते हैं...!! ख़्वाहिशें...✍️❣️ #तन्हा #राह #चाहत #ख़्वाहिशें #NojotoHindi #CTL #NojotoHindiEmotional #NojotoHindiQuoteStatic #TopicalHindiQuote #HamariAdhuriKahani