शुरुवात में जब मंजिल के लिए चले थे, तो धूप चुभने लगती थी,और मंजिल से ज्यादा हम छाव ढूंढ़ते थे, मगर अब जब मंजिल के पास है तो धूप- छाव से कोई फर्क ही नहीं पड़ता। ©#Monika Kanwar❤️# #dhup#chaw#manzil#success🤘 #Twowords