ऊँ नम: शिवाय...(वन्दना) ऊँ नम: शिवाय, ऊँ नम:शिवाय, तुझ बिन क्या जग का अभिप्राय? ऊँ नम: शिवाय, ऊँ नम:शिवाय, कण-कण में तुझकाे ही पाए।। ऊँ नम: शिवाय, ऊँ नम: शिवाय, तेरी शरण में जाे भी भक्त आए, खाली हाथ कभी भी ना जाए, ऊँ नम: शिवाय, ऊँ नम:शिवाय।। ऊँ नम: शिवाय, ऊँ नम: शिवाय, तेरा दर्शन जा पाए वाे अमर हाे जाए, मृत्यु से जीवन का सार तुझमें ही पाए, ऊँ नम: शिवाय, ऊँ नम:शिवाय।। ऊँ नम: शिवाय, ऊँ नम:शिवाय, तेरी ज्याेत से जग राैशन हाे जाए, चाँद तेरे मस्तक पे गंगा में हैं समाए, ऊँ नम: शिवाय, ऊँ नम:शिवाय।। ऊँ नम: शिवाय, ऊँ नम:शिवाय, विष पीकर खुद जिसने देवाें काे है बचाए, हे नीलकंठ तेरी महिमा देवगण भी गाएं, ऊँ नम: शिवाय, ऊँ नम:शिवाय।। ऊँ नम: शिवाय, ऊँ नम:शिवाय, तुझ बिन क्या जग का अभिप्राय? ऊँ नम: शिवाय, ऊँ नम:शिवाय, कण-कण में तुझकाे ही पाए।। 🖊राैशन ©Hindi kavita BY Raushan kashyap #वन्दना #शिव #Nojoto #Maha_shivratri