#आवाजें सुनाई देती है मुझे आवाजें जो बंद है पर्दे के पीछे घूंघट के पीछे दीवारों के पीछे चारों तरफ से घिरी हुई आवाज है कोई नहीं सुन पाता क्योंकि बाहर का उन्माद ,जश्न इतना तेज है ,दब जाती है वो आवाजें लेकिन मैं जश्न नहीं सुनता ,ना उन्माद सुनता हूं मैं केवल बंद और कैद आवाजों को सुनने में माहिर हूं बस इसी प्रयोग में आठों पहर लगा रहता हूं क्या मैं इन आवाजों को उनके लक्ष्य तक पहुंचा पाऊंगा! ©Mati माटी #आवाजें सुनाई देती है मुझे आवाजें जो बंद है पर्दे के पीछे घूंघट के पीछे दीवारों के पीछे चारों तरफ से घिरी हुई आवाज है कोई नहीं सुन पाता