आजाएं वह मेहफिल में पुर नूर समा होगा जलवों की तजल्ली से हर दिल आईना होगा . कितने ही फसाने हैं फरहाद और शिरीं के पर अपनी मुहब्बत का अंजाम जुदा होगा . वह एक नज़र थि बस जो नज़र में बसती थी अब जिसपे नज़र होगी वह नज़र नवाज़ होगा . कितने ही फना होंगे आज उनकी मुहब्बत में जिस जिस पै नज़र होगी उस उस पै करम होगा . मुशताक़ नज़र की यै दरबान बनी आंखें उस नूरै मुजस्सम का इस राह से गुज़र होगा ©shahnawaz nazar official #sufi #tasawwuf #shahnawaznazar #nojotohindi Kusum Nishad Jajbaat-e-Khwahish(जज्बात)