बचपन की दौड़ कितनी आसान थी ये बात आज समझ आ रही है की तब तो मंजिल छू के वापस आ जाते थे । अब की दौड़ में जल्दी मंजिल नही मिलती। और मिल गई मंजिल तो वापस आने का रास्ता नही मिलता । और रास्ता मिल भी जाये तो वापस आने का वक़्त कहा से लाओगे साहब। #nojoto #nojoto_hindi #bachpan #memory #manjil #lakir #rasta #waqt #time #truth #reality #realizastion #feeling