अमर है वो रावण आज भी, जिसको लेने स्वयं प्रभु आए थे जिसकीभक्ति से शिव भी भाय थे जिन्होंने हरण करके भी, माता सीता को पूर्ण सम्मान दिया था आज के रावणो के मुकाबले उन्होंने मानवता को मरने नहीं दिया था नाही शोषण किया था न गवाह है कोई उत्पीड़न का आया था वो भी साधु का भेस लिए अरे भस्म करना ही है, अंत करना ही है तो करो उन गुनहगारों का कलयुग के रावणो का जो छूपे बैठे है हर जगह राम का भेस लिए फूक डालो खुद की हर बुराई को मिलकर विजय बनाओ मानवता और सच्चाई को