हम तो दुआयें ही माँगते रह गये दुश्मन के लिए भी, हमारे लिए तो दोस्त भी बस बद्दुआ देते चले गये, सब के ज़ख्मों पर मरहम बेमतलब हम लगाते रहे, लोग हमारे ही ज़ख्मों पर नमक छिड़कते चले गये। नेकी कर दरिया मे डाल । #दुआयें #दुश्मन #दोस्त #बेमतलब #नमक #yqdidi