मन के गहरे अंधेरे में , फिर मुस्कराए वो,, उनकी वो शहद सी बातें, रोशन होता था चांद थे जब वो खिलखिलाते , छिप कर देखना उनको वो चिलमन के किनारों से, मिल कर भी बुला ना पाया दिल की पुकारों से,, मीरा था मैं उनके प्रेम में पागल, नूर का उनके ही था मैं कायल,, मशगूल थे हम तो अपने जमाने में, नजर आ गए वो हमको शाम के पैमाने में,, उस जाम में फिर आज नौशाद मिलाए वो, फिर याद आए वो, ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1125 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ इस महीने दिल खोलकर लिखें। 😊 #फिरयादआएवो #मुख्यप्रतियोगिता #KKC1125 #YQDIDI #कोराकाग़ज़ #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़