मै भारत की बेटी, मेरा दोष क्या? मुझे लड़ने का हक है मुझे जीने का हक है। मै बेटी तेरे आंगन की मुझे जीने हक है झुकना मुझे गवारा नहीं मजबूरी मेरा सहारा नहीं मुर्दा बन जीना मुझे गवारा नहीं। इतना मजबुर किया मेरा कोई दोष ना था अासू निकले चिखे निकले मगर दरिंदों को तरस ना अाई। लड़ना चाहूं जो मुझसे टकराए जगाना चाहूं मै सोए हुए महकमे को दरिंदों को ना बख्शौ मुझे दर्द है मुझे क्रोध है मै भारत की बेटी हूं मुझे जीने का हक दो जात पात में मुझे ना बांटो रंजिश में ना मुझे काटो मै जननी हूं मै भरनी हूं। मै ही दुर्गा मै ही काली मै ही झासी वाली रानी आज का युग ना बदल रहा मेरा दर्द ना समझ रहा। दोबारा वो वक़्त ना आने देना आज की रानी लक्ष्मीबाई को ना जगने देना वरना वो नरसंहार लौट आएगा आसु मेरे ना गिरने देना लहू मेरा ना बेहने देना। गर जाग गई मै, तो ना जाने कितनी नदिया बहेंगी न जाने कितनी हस्तियां मिटेंगी। मै किसी से कम नहीं मुझे खोने का ग़म नहीं अस्तित्व मेरा जायज है जबतक बेटी शब्द ये कायम है। है ऐलान ये ठेकेदारों को दरिंदों का ना समर्थक बनाना मै भारत की बेटी हूं मुझे जीने का हक दो...✍️ विनय पांडे ©vinay pandey official🇮🇳 👑 #कवि #ripublicbhart #भारत #कविता #आजतक #दूरदर्शन #Stoprape