दहशत की रंजिशी साजिशों से मैंने बाजारों में वीरानियों देखी मैंने देखा जंगलों में आग लगी है बच्चे बिलख रहे है माँयें बेबस रो रही है क्योंकि वो देख रहीं है हुकूमत की आकांक्षा से अपने आंचल की नाकामयाबी को हारते हुए हुकूमत की आकांक्षा का दुशाला ओढे हुए वहशियाना लोग हिंसा महज खेल है जिनके लिए मैंने देखा! अनहोनियो का कत्ल होते हुए माँयें सौंप रही थी कलेजे के टुकड़े पलायन करने वाले हांथों में मैंने देखा! कुँवर अरुण ©Kunwar arun ¥ #KunwarBechain #kunwararun #Nojoto #Anhoni