बैठकर बाग में ऑक्सीजन ग्रहण करना। कहाँ मुनासिब है आजकल नंगे पाँव चलना।। कृत्रिम जुते, चप्पल से सजे पैरों का उछलना। बनावटी हँसी से एक-दूजे को प्रणाम कहना।। छोड़ी होती जमीं घर के पास, तो क्या कहना। लगाते कुछ पौधें अपने पास, तो क्या कहना।। ना जाना पड़ता उपवन, घर से ना पड़ता हटना। आस-पास होती बहारें और फूलों से होता सज़ना।। #ऑक्सीजन #rsmalwar #yqdidi #yqbaba #yqquotes