अपने भारत के कौशल का , अभिमान दिखाने आया हूँ। मै तुम्हें जगाने आया हूँ , मै तुम्हें जगाने आया हूँ।। इस भारत में रहने वालों, कुछ काम करो, कुछ नाम करो। जिसने तुमको है जान दिया , उस भारत का सम्मान करो।। किस शोक में जन तुम डूबे हो, किस मार्ग को हो तुम भूल गए। उस मार्ग-राह के दर्शन का सम्मार्ग दिखाने आया हूँ।। मै तुम्हें जगाने आया हूँ, मै तुम्हें जगाने आया हूँ।। जब थे बजरंगी भूल गए , अपने उड़ने के कौशल को। तब दूजे ने ही था जन को, स्मरण कराया था उनको।। तुममें भी तो कुछ कमियाँ है, कुछ सामाजिक, कुछ नैतिक है। अब मैं भी उन सब कमियों पर , तुम्हें जीत दिलाने आया हूँ।। मै तुम्हें जगाने आया हूँ, मै तुम्हें जगाने आया हूँ।। तुम्हें अपने भारत की खातिर, जो कुछ भी हो वह कार्य करो। कुछ दान करो, कुछ मान करो, कुछ तो वतन का सम्मान करो।। देश की खातिर जो कुछ भी हो सके, आज वो कर दो तुम। मै बस तुमको , बस इतना ही, स्मरण दिलाने आया हूँ।। मै तुम्हें जगाने आया हूँ, मै तुम्हें जगाने आया हूँ।। तुम तो खुद को ही भूल गए, तुम मुरलीधर की बंशी हो। तुम्हारे याद करो , खुद को पहचानो, तुम भी भारतवंशी हो।। तुमको भी भारत की खातिर, कुछ-बहुत बहाना शोणित है। उस भारतवंशी गरिमा को, मै फिर धधकाने आया हूँ।। मै तुम्हें जगाने आया हूँ, मै तुम्हें जगाने आया हूँ।। जय हिन्द, जय भारत।। वन्दे मातरम्।। इन्कलाब जिन्दाबाद।।। #आशुतोष_हिन्दुस्तानी,#हिन्दुस्तानी,#wake_up_india,#जागो_भारत,#Ashutosh_hindustani,#indian,#ashutosh_indian