ये हमारे बुजुर्गों की रहनुमाई ही तो है जो आज भी हमें काम की बातें बताते हैं खुशियां हो चाहे गम में एक को याद करो चार चले आते हैं तुम्हारे शहर में तुम्हें जानते हैं ख़ाली मकान नंबर से यारो ये हमारे गांव ही तो हैं जहाँ आज भी हम अपने बाप के नाम से जाने जाते हैं गांव vs शहर #lyriter #nojoto #nojotohindi #life