मैं जो लिखता हूं वो समझती ही नहीं जो दिखाता हूं वो देखती ही नहीं अपने धुन में मग्न रहती है हमेशा किसी की सुनती नहीं और जो पूछ लू परवाह में हाल उसका तो वो उसे मजाक में ले मुझे पागल लिख देती अरे कैसे समझाऊं दिल में बस गई हो तुम जुबां से नहीं बोल सकता अल्फाजों में बयां कर देता हूं टूट चुका हूं इतना कि करता हूं प्यार तुमसे पर जता नहीं पा रहा हूं लग गया है आदत अब ये तुम्हारी हां का मोहताज नहीं की लग गया है आदत अब ये तुम्हारी हां का मोहताज नहीं तू भूल भी गई मुझे तो कोई गम नहीं तेरी बातों को मन में बसा पूरी जिंदगी मुस्कुराते गुजार दूंगा मैं पूरी जिंदगी मुस्कुराते गुजार दूंगा मैं #मेरे_जज्बात008 #काल्पनिक_आशिक़ #काल्पनिक_प्रेम #इजहार_ए_इश्क #yqdidi #yqbaba #kunu