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बैठी है पकड़कर न उसमें स्वाद कोई, बरसों से बिगड़ा

बैठी है पकड़कर न उसमें स्वाद कोई,
बरसों से बिगड़ा जैसे जुकाम हो कोई..

 #यादें_मिटाएं_नहीं_मिटती 
तुम चली गई और कुछ बोला भी नहीं 
#यूंहीबेख्यालीमें #जुकाम
आज पुराना मौसम लौटा
बैठी है पकड़कर न उसमें स्वाद कोई,
बरसों से बिगड़ा जैसे जुकाम हो कोई..

 #यादें_मिटाएं_नहीं_मिटती 
तुम चली गई और कुछ बोला भी नहीं 
#यूंहीबेख्यालीमें #जुकाम
आज पुराना मौसम लौटा
tulika3350361195569

Anamika

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