बैठी है पकड़कर न उसमें स्वाद कोई, बरसों से बिगड़ा जैसे जुकाम हो कोई.. #यादें_मिटाएं_नहीं_मिटती तुम चली गई और कुछ बोला भी नहीं #यूंहीबेख्यालीमें #जुकाम आज पुराना मौसम लौटा