मेरे बस में नहीं वरना कुदरत का लिखा काटता तेरे हिस्से में आए बुरे दिन कोई दुसरा काटता लारियों से ज्यादा बहाओ था तेरे हर एक लफ्ज़ में मे इशारा नहीं काट सकता तेरी बात क्या काटता कोई भी तो नहीं है, मेरे भुखे रहने पर नाराज हो जेल में तेरी तस्वीर होती तो, हस कर सजा काटता तहजीब हाफी #तहजीबहाफी #Nojoto