फ़रियाद रो-रो कतऱा जिए़ तेरी याद में तू न सही तेरा जिक़ तो आया मेरी हर इक़ फ़रियाद में हजारों उलझनें हैं जिंदगी-ए-रफ्तार में कभी जा मिलूँ खुद से तो ढल जाऊँ तेरे एहसास में नही होती हर चीज़ तकदीऱ-ए-लकीर में अक्सर मिला हुआ भी खो जाता हैं इन गैरों की भीड़ में #fariyaad #ulzan #naseeb #nojotohindi