तुम बिन कुछ नहीं कोई मेरा वजूद नहीं अधूरे तुम अधूरी मैं कैसे कम हो ये दूरी बहुत उदास हो जाती है मेरी ज़िंदगी जब तुम नहीं रहते मेरे आस पास क़रीब अंधेरा हो या उजाला कुछ भी नहीं आता रास तुम बिन रहता हर पल हर घड़ी उदास तुम्हारा साथ ही नहीं सच्चा एहसास चाहिए तुम्हारी मोहब्बत आखरी सांस तक चाहिए तुम बिन कुछ नहीं सब कुछ तेरे संग हैं जीवन के सारे रंग तुम बिन गर चलती हूं ज़िंदगी में अकेले पर पहुंचती कहीं भी नहीं अब इस मेरे दिल में कोई अरमान नहीं बस एक ख्वाहिश सर रख तेरे कंधे पर सुकून के कुछ पल गुजारना है सही।। ♥️ Challenge-747 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।