इस समय जो लोग ड्यूटी कर रहे हैं उनके लिए एक भी पोस्ट नहीं लिखी तो क्या लिखा। पुलिस और मेडिकल टीम जो इस वक्त ड्यूटी कर रहे हैं, जिनके पास मानक सुरक्षा किट उपलब्ध नहीं है फिर भी अपने चेहरे पर शिकन नहीं आने दे रहे। माना कि आप घर पर बैठे-बैठे बोर हो गए। पिज्जा-बर्गर खाने, चटपटा चाटने, नाइट क्लब में ठुमके लगाने, दो पेग मारने, दोस्तों के साथ फतहसागर की पाल पर बैठकर ठण्डी हवा के झोंके को महसूस करने का मन कर रहा होगा। इतिहास में हमारे साथ कभी ऐसा नहीं हुआ कि हमें मजबूरन इतने दिनों तक घर पर रूकना पड़ा हो। कई सारे तो दिन में दस मिनट भी कभी घर नहीं रूके। उन लोगों को घर की चहारदीवारी काटने को दौड़ रही होगी। ये वक्त मुश्किल जरूर है पर असहनीय नहीं है। आप कम से कम सुरक्षित तो हो। तनिक उन लोगों के बारे में सोचिए जो ऐसे हालात में भी ड्यूटी कर रहे हैं। आप कहेंगे उनको तो तनख्वाह मिल रही है तो बता दूँ ये लोग पैसों के लिए नहीं, देश के लिए खड़े हैं। पुलिस कांस्टेबल को बेचारे को कितनी तनख्वाह मिलती है फिर भी चौबीसों घण्टे मुस्तैद रहते हैं। मेडिकल स्टाफ तो रिस्क जोन में ही रहता है। ऐसा नहीं है डाक्टर पैसों के भूखे हैं। उनके पास दौलत की कमी नहीं है फिर भी इसलिए डटे हुए हैं कि यही उनका फर्ज है। सरकारी स्कूलों के शिक्षक जिनकी सदैव मास्टर जी कह कर हंसी उड़ाई जाती वे भी इस समय घर-घर सर्वे कर कोरोना मरीजों को सर्च कर रहें हैं। उनको ना तो मेडिकल किट मिला है ना कोई एक्स्ट्रा सुविधा। भत्ता मिलने की तो छोड़िए, इनकी आधी तनख्वाह भी स्थगित कर दी गई फिर भी ड्यूटी कर रहें हैं। कहते हैं मुसीबत में सही इंसानों की पहचान होती है। दुनिया में अभी भी अच्छाई खत्म नहीं हुई है। कई सारे लोग आगे आ कर वंचितों की सहायता कर रहें हैं। कोई मुफ्त में खाना खिला रहा है तो कोई कोश में पैसे देकर मदद कर रहा है। ये सारे लोग भी इंसान ही है और इसी दुनिया के बाशिंदे है। माना कि ये सब भगवान नहीं है; किंतु इस समय उनसे कम भी नहीं है। अगर आप थोड़ी भी कृतज्ञता इन देवदूतों के प्रति प्रकट देंगे तो यकीन मानिए आपको अच्छा ही फिल होगा। कृतज्ञता में चमत्कार जैसी अदृश्य शक्ति होती है। इसे महइस समय जो लोग ड्यूटी कर रहे हैं उनके लिए एक भी पोस्ट नहीं लिखी तो क्या लिखा। पुलिस और मेडिकल टीम जो इस वक्त ड्यूटी कर रहे हैं, जिनके पास मानक सुरक्षा किट उपलब्ध नहीं है फिर भी अपने चेहरे पर शिकन नहीं आने दे रहे। माना कि आप घर पर बैठे-बैठे बोर हो गए। पिज्जा-बर्गर खाने, चटपटा चाटने, नाइट क्लब में ठुमके लगाने, दो पेग मारने, दोस्तों के साथ फतहसागर की पाल पर बैठकर ठण्डी हवा के झोंके को महसूस करने का मन कर रहा होगा। कुछ नहीं तो बंशी पानवाले के वहां से पान खाने, डूंगा बा के समोसे, मंगल चाय वाले के वहां चाय पीने का तो मन कर ही रहा होगा। ज्यादा नहीं तो पड़ौसी से गप्पे लड़ाने, बाजूवाले की बुराई करने, रविवार को सेलिब्रेशन माॅल में घुमने, वी मार्ट में कपड़े ट्राई करने, सुखाड़िया सर्किल पर पानी पुड़ी खाने, लोक कला मंडल के सामने छाछ वड़ा खाने का मन तो कर ही रहा होगा। इतिहास में हमारे साथ कभी ऐसा नहीं हुआ कि हमें मजबूरन इतने दिनों तक घर पर रूकना पड़ा हो। कई सारे तो दिन में दस मिनट भी कभी घर नहीं रूके। उन लोगों को घर की चहारदीवारी काटने को दौड़ रही होगी। ये वक्त मुश्किल जरूर है पर असहनीय नहीं है। आप कम से कम सुरक्षित तो हो। तनिक उन लोगों के बारे में सोचिए जो ऐसे हालात में भी ड्यूटी कर रहे हैं। आप कहेंगे उनको तो तनख्वाह मिल रही है तो बता दूँ ये लोग पैसों के लिए नहीं, देश के लिए खड़े हैं। पुलिस कांस्टेबल को बेचारे को कितनी तनख्वाह मिलती है फिर भी चौबीसों घण्टे मुस्तैद रहते हैं। मेडिकल स्टाफ तो रिस्क जोन में ही रहता है। ऐसा नहीं है डाक्टर पैसों के भूखे हैं। उनके पास दौलत की कमी नहीं है फिर भी इसलिए डटे हुए हैं कि यही उनका फर्ज है। सरकारी स्कूलों के शिक्षक जिनकी सदैव मास्टर जी कह कर हंसी उड़ाई जाती वे भी इस समय घर-घर सर्वे कर कोरोना मरीजों को सर्च कर रहें हैं। उनको ना तो मेडिकल किट मिला है ना कोई एक्स्ट्रा सुविधा। भत्ता मिलने की तो छोड़िए, इनकी आधी तनख्वाह भी स्थगित कर दी गई फिर भी ड्यूटी कर रहें हैं। कहते हैं मुसीबत में सही इंसानों की पहचान होती है। दुनिया में अभी भी अच्छाई खत्म नहीं हुई है। कई सारे लोग आगे आ कर वंचितों की सहायता कर रहें हैं। कोई मुफ्त में खाना खिला रहा है तो कोई कोश में पैसे देकर मदद कर रहा है। ये सारे लोग भी इंसान ही है और इसी दुनिया के बाशिंदे है। माना कि ये सब भगवान नहीं है; किंतु इस समय उनसे कम भी नहीं है। अगर आप थोड़ी भी कृतज्ञता इन देवदूतों के प्रति प्रकट देंगे तो यकीन मानिए आपको अच्छा ही फिल होगा। कृतज्ञता में चमत्कार जैसी अदृश्य शक्ति होती है। इसे महसूस करके देखिए। - #psg - #प्रेम_एस_गुर्जर इस समय जो लोग ड्यूटी कर रहे हैं उनके लिए एक भी पोस्ट नहीं लिखी