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वो पहला दिन था, एक बड़े से कमरे में ढ़ेर सारे अनजान

वो पहला दिन था, एक बड़े से कमरे में ढ़ेर सारे अनजान थे,
दोस्ती सब करना चाहते थे मगर थोड़े परेशान थे।
किसी के चहरे पर मुस्कान तो कुछ चहरे घबराये थे,
सब सीधे-साधे बच्चे school से निकलकर college आये थे।
शुरूआती दिनों में डरते हुए कुछ से मुलाकातें हुईं,
वक़्त वो भी आया जब खाने की table पर ढेरों बातें हुईं।
साथ रहना, साथ पढ़ना, और साथ ही खाना होता था,
गाने भी साथ गाते थे और साथ बजाना होता था।
हँसती खेलती ज़िंदगी में जब परीक्षाओं की झड़ी आई,
Engineering नहीं हैं आसान, यह बात तब समझ आई।
Assignment हो, file लिखना हो, या exam में back आ जाए,
हर tension का एक solution, canteen में दोस्तों के साथ चाय।
Timing change हुआ तो college हर दिन देर से जाते थे,
एक lecture attend करके वापस घर लौट आते थे।
Free होते ही phone निकाल कर mini militia खेलते थे,
Birthday के दिन बंदे को gpl के नाम पर पेलते थे।
पहले सरे lectures हम खुद bunk कर लेते थे,
और class में बैठते भी तो projector बंद कर देते थे।
कितनी जल्दी वक़्त बीता, क्या सुनाएँ अपना हाल,
पता ही नहीं चले कब गुज़र गये वो हसीन चार साल।
ना जाने वो बचपना हमारा किधर-कहाँ खो गया,
अभी-अभी तो admission लिया था और farewell भी हो गया।
किसी की आँखें नम होंगी, तो कोई ख़ुशी से मुस्कुराएगा,
जब एक दिन बैठे-बैठे college याद आएगा। #college #collegelife #engineering #farewell #automobile #yqdidi #bestyqhindiquotes #ifyoulikeitthenletmeknow
वो पहला दिन था, एक बड़े से कमरे में ढ़ेर सारे अनजान थे,
दोस्ती सब करना चाहते थे मगर थोड़े परेशान थे।
किसी के चहरे पर मुस्कान तो कुछ चहरे घबराये थे,
सब सीधे-साधे बच्चे school से निकलकर college आये थे।
शुरूआती दिनों में डरते हुए कुछ से मुलाकातें हुईं,
वक़्त वो भी आया जब खाने की table पर ढेरों बातें हुईं।
साथ रहना, साथ पढ़ना, और साथ ही खाना होता था,
गाने भी साथ गाते थे और साथ बजाना होता था।
हँसती खेलती ज़िंदगी में जब परीक्षाओं की झड़ी आई,
Engineering नहीं हैं आसान, यह बात तब समझ आई।
Assignment हो, file लिखना हो, या exam में back आ जाए,
हर tension का एक solution, canteen में दोस्तों के साथ चाय।
Timing change हुआ तो college हर दिन देर से जाते थे,
एक lecture attend करके वापस घर लौट आते थे।
Free होते ही phone निकाल कर mini militia खेलते थे,
Birthday के दिन बंदे को gpl के नाम पर पेलते थे।
पहले सरे lectures हम खुद bunk कर लेते थे,
और class में बैठते भी तो projector बंद कर देते थे।
कितनी जल्दी वक़्त बीता, क्या सुनाएँ अपना हाल,
पता ही नहीं चले कब गुज़र गये वो हसीन चार साल।
ना जाने वो बचपना हमारा किधर-कहाँ खो गया,
अभी-अभी तो admission लिया था और farewell भी हो गया।
किसी की आँखें नम होंगी, तो कोई ख़ुशी से मुस्कुराएगा,
जब एक दिन बैठे-बैठे college याद आएगा। #college #collegelife #engineering #farewell #automobile #yqdidi #bestyqhindiquotes #ifyoulikeitthenletmeknow
aniketsen9984

Aniket Sen

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