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गुजरे थे हम.... पूछ रहे थे अकेले दिखते हो तुम्हार

गुजरे थे हम....
पूछ रहे थे 
अकेले दिखते हो
तुम्हारी फूलझड़ी कहाँ गयी..
 एक शायर ने कहा है 
उन्हीं रास्तों ने जिन पर कभी तुम थे साथ मेरे 
मुझे रोक रोक पूछा तेरा हम सफ़र कहाँ है..
बशीर बद्र 

हर किसी की ज़िंदगी इन्हीं पुरानी राहों से हो कर गुज़रती है। लिखें इस के बारे में।

#पुरानीराहें
गुजरे थे हम....
पूछ रहे थे 
अकेले दिखते हो
तुम्हारी फूलझड़ी कहाँ गयी..
 एक शायर ने कहा है 
उन्हीं रास्तों ने जिन पर कभी तुम थे साथ मेरे 
मुझे रोक रोक पूछा तेरा हम सफ़र कहाँ है..
बशीर बद्र 

हर किसी की ज़िंदगी इन्हीं पुरानी राहों से हो कर गुज़रती है। लिखें इस के बारे में।

#पुरानीराहें