कुछ यादों पर पहरे हैं, कुछ घाव बड़े गहरे हैं, कुछ अपनों को मैंने छोड़ा है, कुछ ज़िन्दगी ने भी मुंह मोड़ा है, कुछ यादें हैं जो बहुत सताती हैं, कुछ मंज़िलें हैं जो दूर हो जाती हैं, कुछ मासूम सपनों का गुनहगार हूँ, कुछ आंसुओं का भी हकदार हूँ, कुछ रास्तों पर चलना बाकी है, कुछ ऐसा भी है जो बदलना बाकी है, कुछ माफीयां हासिल मुझे करनी हैं, कुछ आँखों में रौशनी भरनी है, कुछ पर्दे मुझे हाथों से हटाने हैं, कुछ राज़ अब बताने हैं, कुछ टूटे दिलो को जोड़ना चाहता हूँ, कुछ कसमें ओढ़ना चाहता हूँ, कुछ गुनाह कम करवाने हैं, कुछ हाथों पर हाथ बढ़ाने हैं, कुछ चेहरों को पास से पढ़ना है, कुछ ख्वाहिशो को परवाज़ चढ़ना है... #somememories