वंशज हैं हम भी राणा के दम मेरा भी देखोगे कैसे मान लिया तुमने कि छल से हमको छल लोगे।। जज़्बा है फौलादी अपना छलनी कैसे कर दोगे जोश हमारा देखोगे तो अपनी सोच बदल दोगे।। सीने में अंगार भरा है छूने से जल जाओगे छोड़ दो ज़िद बचकानी अपनी पल में हमें मसल दोगे।। मन में जो संकल्प लिया है पाना है वो तो हमको चिंगारी जो आग बन गई कैसे उसे बुझा दोगे।। जंजीरों में जकड़ लो चाहे सूली पर हमको लटका दो काटो हाथ और जिह्वा पर मन को कैसे काटोगे।। #जयहो