ऐ ज़िन्दगी बहुत कुछ देखने को है अभी बाक़ी, फ़लसफ़ा नई ज़िन्दगी का है अभी बाक़ी। कुछ और इम्तिहान अभी मुझे देने दे, कुछ तो मुकम्मल ज़िन्दगी में मुझे भी करने दे। मंज़िल की तरफ़ रुख तो अभी किया है मेने, ज़रा रास्ता भी इख़तियार करने दे। ऐ ज़िन्दगी कुछ नही देखा है मेने अभी, कुछ नज़ारे आँखो में मेरी कैद करने दे। थमजा जरा ज़िन्दगी के कुछ लम्हा ओर जीने दे, मंज़र नये अभी और मुझे देखने दे। #मुक़म्मल_ज़िन्दगी #mrshabdkaar