यह बद-बख़्त फ़ज़ाएं, यह अफ़्सुर्दा हवाएं यह पुरखोफ घटाएं, यह सहमी सी सदाएं बेरौनक हुए बाज़ार, राहें हुई वीरान खामोश हुई बस्तियां, शहर हुए सुनसान कुफर कहता है डरो कियू के वबा है ईमान कहता है डरो यह केहर-ए-खुदा है ऐ लाचार, मजबूर, बे-बस इंसान सुन अर्श-ए-बरिं से उतरा अल्लाह का फरमान सुन वह साइंस, वह दानिशवर, तरक्की-पज़िर कहां गए वह माबुद, वह काफिर, मेरे मुंकिर कहां गए तुम जो साइंस-ओ-हुनर पे इतना इतराते थे जदीद इजादाद के बड़े किस्से बतलाते थे फिर कियू घरो में मेहसुर हुए बैठे है तरक्की-पज़िर भी आज कियू मजबूर हुए बैठे है किया मेरी शरीयत को को तार तार तुमने तोड़ा अपनी हुदुद को हर बार तुम ने #वबा #हिस्सा_अवल #Waba #Virus #Hissa_Awwal #Part_One #Nojoto