पीठ पर गर किताबों का बोझ होता तो थोड़ा और पढ़ लेते लेकिन वक्त ने जिम्मेवारियों का बोझ दिया है जिसकी पीड़ा को सिर्फ लिखने की इजाज़त है ©अनजान मुसाफ़िर #अनजान_मुसाफ़िर #डिग्री #ज्ञान