सिर्फ़ इतना मैंने गुनाह किया सच्चे मन से उससे प्यार किया| दोस्ती का वास्ता दे उसने इन्कार किया दिल के राज खोल जब मैंने इक़रार किया| सभी दोस्तों को प्यार भरा "नमस्कार" 🎀 आप सभी इस शीर्षक को ध्यान में रखते हुए अपनी रचनाएं लिखे । 🎀