तुम बज़्म-ए-नशात में ا जा यहाँ से दूर जा, तू मुब्तला सानेहात में اا बज़्म-ए-नशात - खुशी की महफि़ल, मुब्तला - फंसना, सानेहात - विपदा इंसान अपने ही विचारों का क़ैदी है, अक्सर इधर उधर की बातें दिल में बैठा लेता है... #कहाँकीबात #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqquotes #yqbhaijan #yqurdu