मेरी मोटी दिन भर खाती थी मम्मी भर भर के सुनाती थी पापा से लगता था बहुत ज्यादा डर कितना याद आता है वो मेरा घर भाई के साथ वो क्रिकेट खेलना दोस्तो को क्रश के नाम से छेड़ना वो टूशन के बाद की घुमाई और फिर घर पे आके पिटाई बेपरवाह से फिरा करते थे बस मन की किया करते थे वो वक़्त भी क्या वक़्त था जब ज़िन्दगी को जिया करते थे ©Aashish Jha #WoPuraaneDin