वसुदेव बोले, चलो पार्थ गांडीव उठाओ, शत्रु पे अब तुम बाण चलाओ | केशव के वचन सुन अर्जुन मौन खड़े थे, युद्ध क्षेत्र में वो आगे नहीं बड़े थे || 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 धैर्य धरकर फिर अर्जुन बोले गिरधारी से, कैसे युद्ध करू मैं केशव अपने पालनहारी से | भीष्म पितामाह के प्रेम में, मैंने बचपन बिताया था, गुरु द्रोण से ही तो मैंने शस्त्र का ज्ञान पाया था || 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 कर्ण के रथ पर कैसे वार करूँ मैं, हे यदुराई, वहां सारथी बन खड़े है माता माद्री के भाई || अपनों पर बाण चलाकर कुलनाशक कैसे बन जाऊ मैं, जिनसे प्यार मिला मुझे, उनका संहारक कैसे बन जाऊ मैं || tbc in my next post #BhagwadGeeta #dharmyudh #Krishna