"जिक्र तेरा" हर पन्ने पर है जिक्र तेरा,,एक नज़्म लिखी एक चित्त तेरा, कुछ पंक्तियों से आज ,,करता हूं मै जिक्र तेरा। पहली पंक्ति में किरदार लिखा,मासूमियत जिसकी पहचान है, नज़्म कहूं, यह कह दूं मै दिल तेरा।। दूसरी पंक्ति में स्वभाव लिखा,कोमल हृदय से भरी हुई, सरल सजग जो सद्भाव तेरा।। तीसरी पंक्ति में है रूप लिखा,निर्मल चित्त निर्मल काया , वक्त पड़े तो दुर्गा स्वरूप तेरा ।। अन्तिम पंक्ति में है ख्वाब तेरा,अंतर्मन में जगें अनेकों बार, फिर भी अपनों पर होते रहें हमेशा कुर्बान तेरा।। हर पन्ने पर है जिक्र तेरा,हर पन्ना कहता है , एक नया अध्याय तेरा।।हर पन्ने पर है जिक्र तेरा।। ©purvarth #जिक्र_तेरा