पूछ लेता हूं मैं अक्सर,उनसे उनका हाल,, गर याद में हम है नहीं,उनकी खता नहीं ।। होगी कुछ मजबुरिया,हो वक्त न फिलहाल,, है ऐतबार दिल को अभी,बस खुद को पता नहीं।। कमबख्त खामोशियों ने बुन रखा था जाल,, जो बात जब कहनी थी,तब इन लब ने कहा नहीं।। मायुष होती जिंदगी के, है कई सवाल,, इंतज़ार के इस दर्द की ,कोई दवा नहीं।। #Dedicated_Thought ©Alok P Gaurav #Dedicated_Thought #Alok_P_Gaurav #Undefined_Rainbow #Untold_memories. #grey Suman Zaniyan Bhatt Sahab