भँवर पंख पर शब्द लिखे लिखकर संदेशे भेज दिए तीखे शब्दों ने जाकर निष्ठुर उर तक भेद दिए क्रोध भरा आदेश लिखा छांटे छांटे अक्षर लिखकर कर्ण फलक को जैसे भेदा करते हैं बंशी के स्वर मस्तक को लक्ष्य बनाकर जैसे भेदा करते हैं प्रस्तर पृष्ठ भाग में प्रेम दिखाकर जैसे चुभते हैं नश्तर जैसे अभेद्य को भेद दिया करते हैं आरोपित शर ऐसे शब्दों से आज्ञा दी नयन क्रोध लवरेज दिये भँवर पंख पर शब्द लिखे लिखकर संदेशे भेज दिए ©राहुल अनजान #_अनजान #प्यार