अमावस की काली रातों में जागा करते थे उनकी बातों में, कभी अमावस की काली रातों में.. कर कर के दुआ हम हार गए, न पाया उन्हें किसी सौगातों में। सोचा वो भी डोली घर लाएंगे, हम नाचा किये गैर की बारातों में। सजने वाली है अब तो मेहंदी, किसी और की हमारे हाथों में। तोड़ के दिल अब हमने जाना, बड़ा दर्द हैं जिंदगी तेरी लातों में। ©Lata Sharma सखी #Nomoon #Love #pain