मैं अपनी ग़ज़लों में,हिन्दी को उर्दू से मिलाता हूँ । इस महफ़िल में हर किसी का तो नही, पर किसी एक का तो दिल बहलाता हूँ मैं इसमे कोई बड़ा काम नही करता मैं तो बस अपनी माँ को अपनी मौसी से मिलाता हूँ ।। #माँ #Maa #मेरी_डायरी_के_कोरे_पन्नो_से ।।