इस बस्ती में कुछ घर नये बसाने होंगे, झुग्गियां सहमी है शहर की, उन्हें बुलाने होंगे भगवा धूप में खिलती इस्लामिक हरियाली सफ़ेदपोशों से लड़कर लगाने होंगे... जो लोग कह रहे यहाँ कुछ ठीक नहीं है... उन्हें सुन खामियों को जड़ से मिटाने होंगे जो लोग देशप्रेम की शमशीर लिए हैं उन्हें सरजमीं के मतलब समझाने होंगे... लड़ाई मजहबी नहीं, यहाँ सियासी दांव है सियासी लोभ के किस्से उन्हें पढ़ाने होंगे... जुर्म और जख्म दोनों माथे पर आ लगें है जरूरत है कि खून के धब्बें मिटाने होंगे... नफरतों के इस दौड़ में कई बंदिशों के बीच अबकी सेवईयां होली में बंटवाने होंगे... इस बस्ती में कुछ घर नये बसाने होंगे झुग्गियां सहमी है शहर की, उन्हें बुलाने होंगे.... #NojotoQuote #Astitva