किसी और जन्म, किसी और संसार में सुना है फल मीठे भी होते हैं इंतजार में चांद को यूं ही खिड़की पे सजाए रखना तुम मन के आंगन में दीप जलाए रखना ~ सुगंध आशादीप प्रीत के धागों से बुनी थीं सुनहले सपनो से रंगी थीं दामन में छिपी कुछ निशानियां अधूरी रह गई जो अनकही कहानियां फिर भी ख्वाहिशों के मोती हजार लिए लब सिलें हैं दुआओं का अंबार लिए