देश की सीमा पर तैनात, सीमा पर तैनात हाँ वो रक्षक थे, जान कि बाजी जो लगा गए वो रक्षक ही थे... याद कर रहा देश जिनकी कुर्बानी, है आग सीने में आँखो में अश्कों की रवानी, हाँ वो देश के सपूत रक्षक ही थे.. मरते हैं और मरते रहेंगे कई सपूत देश के, मगर सोचता है दिल इस लड़ाई से हम क्या पाएंगे, छोटी सी जमीन जिसपर अवैध कब्जा कर लिया, दोस्त नहीं है वो मगर दुश्मन भी तो है नहीं, फिर क्यों निभाता चला आ रहा सदियों से ये दुश्मनी? क्या पायेगा वो ये जमीन के लिए लड़कर, आतंकवाद को यूँ मेरे देश में फैलाकर, दिल कोसता है उन राजनीतिज्ञों को, धिकारता है ये मन उन नाशुकरों को, जिनकी वजह से ये आफत आई, एक खूबसूरत घाटी सदियों से खून में नहाई.. कब खत्म होगा ये खून काव्यापात, कब समझेंगे हम और वो, खून बह रहा है नहीं हो रहा किसी का भला मेरे यार.. #kargilvijaydiwas #salaamshaeedon