कोई अपनों के लिए गैरों के पैरों तले गिरा है, कोई माँ बाप को छोड़ बीबी के पल्लू में पड़ा है। वो रिश्तों को क्या समझे जिसका ज़मीर ही मरा है, ख़ैर,जो जहां पड़ा है वो अपने संस्कारों से पड़ा है। #nojoto #thought #writer कोई अपनों के लिए #गैरों के #पैरों तले #गिरा है, कोई #माँ_बाप को #छोड़ #बीबी के #पल्लू में पड़ा है। वो #रिश्तों को क्या #समझे जिसका #ज़मीर ही #मरा है, #ख़ैर,जो जहां पड़ा है #वो अपने #संस्कारों से पड़ा है।