तूँ चाहे तो तिल से ताड़ बना सकता है अपनी कनिष्ठा पर भूधर को उठा सकता है, उलझनों के अनल में घिर गया हूँ नंदलाल जो हो जाये तेरी कृपा तो उपायों का सैलाब भी आ सकता है। #स्वरचित © #नंदलाल #अनल #सैलाब #पहाड़ #कृपा #शून्य #योरकोट_दीदी भूधर = पहाड़ कनिष्ठा = हाथ की सबसे छोटी उंगली अनल = आग