कुछ कच्चे से कुछ पक्के से दिल में सजते हैं ये अरमान,कभी तरसाते तो कभी दिल को ललचाते हैं ये अरमान,कभी दिल के दिल में ही रह जाते ये तरसते अरमान, कभी ज़िन्दगी हमारी हक़ीक़त में बदल कर ख़ुशी से भर देते हैं ये तरसते अरमान,कभी तिलस्मी से लगते तो कभी हमसे फ़रेबकर ख़ुद पर बड़ा इतराते हैं ये तरसते अरमान, कभी चेहरे की मुस्कुराहट बन जाते तो कभी उदास कर जाते हैं ये तरसते अरमान, अक्सर बिन बुलाये मेहमान के जैसे दिल में आशियाँ बना जाते हैं ये तरसते अरमान, ♥️ Challenge-850 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।