चल हिम्मत की पींग बढ़ा, है सूरज तुझे पुकारे हैं तेरे बाजू ये पर्वत, फिर क्यूँ हिम्मत हारे है चंदा तेरी बाट जोहता, हैं तुझको ढूंढे तारे देख जरा सी जुगत लगा, मुठी में कर ले सारे खोल तेरे पैरों पर लिपटे, जो सायों के नाग हैं अब तेरा श्रृंगार करेंगे, ये जो कल के दाग हैं देख हथेली जरा गौर से, कितने छुपे सुराग हैं जहां है कांटों की बस्ती, वहीं फूल के बाग हैं काट जरा दाँतों से अपने, जो सुलग रहे अंगारे चल हिम्मत की पींग बढ़ा, है सूरज तुझे पुकारे राह तेरी आसान नहीं है, हर पग पर अँधियारा है जुर्रत जब मशाल बनी तो, वो भी अक्सर हारा है जिसने भी ऊंचे कंधे कर के , आईन को ललकारा है अक्सर उसके कदमों पर, झुका सिलसिला सारा है कदम कदम पर फूटे तेरे, अब अमृत के धारे चल हिम्मत की पींग बढ़ा, है सूरज तुझे पुकारे वो किरणों से लिखी इबारत 11. पींग #kavishala #hindinama #tassavuf #mikyupikyu #love #kiranTh #वो_किरणों_से_लिखी_इबारत #wo_kirano_se_likhi_ibarat #wokirnoselikhiibarat #pieng #पींग