इश्क़ का ख़ुमार फिर चढ़ने को है , फिर कोई परिंदा आज़ाद उड़ने को है । दिल के टूटने का जो मज़ाक बनाती है दुनिया , योगेश का दिल एक बार फिर टूटने को है ।। शायद वो गलती फिर कर चले है , दर्द के सफर पर फिर चल पड़े है । जिन राहों का अंजाम मालूम है हमें, उन राहों पर मकान फिर बनने को है , फिर कोई परिंदा आज़ाद उड़ने को है । " मुसाफिरों से फिर मैं वास्ता कर बैठा, राहों से उनका पता पूछ बैठा । राहें भी बोली इश्क़ का समंदर गहरा है मैं होकर नांव सवार समन्दर पार कर बैठा" ।। ©Yogesh Khatodiyaa⏺ #FirKoiParindaAazadUdneKoHain #sadlove #Love #Broken #Heartbeat #Romantic #viral #Trending #YogeshKhatodiyaapoem #SAD Arohi singh 🌿 kriss.writes