बहिश्त में ढूंढ लिया है ठिकाना उसने, सब ज़मीं पे रोए जा रहे हैं क्यों? जिस्म ही तो छूटा है,रूह तो आज़ाद कर ली है उसने। भूल जाएंगे कुछ लोग चाहे,याद रखने वाले रखेंगे बीते अफसाने सभी। एक शरर की दरकार थी आग सुलगाने के लिए, जीते जी मारना हो चाहे मारकर जलाना हो। ये बेड़ियां भी टूट गई हैं आज,हर ज़ख्म की हर दर्द की। दुनिया से रुखसत होते ही अपनी मौजूदगी दर्ज़ कराई है,अब तक तो बस जरूरत के लिए याद किए जा रहे थे सब।ग़म जिस्म के जाने का ना मना अब,रूह को उसकी सुकून की तलब है।कुछ बाक़ी रह गया हो उससे कहना,अपने सपनों का हिस्सा बनाकर ही कह दे अब। 100th quote ✍️😊😊बहिश्त - स्वर्ग, शरर - चिंगारी #dedicatedtorooh #restinpeace #sushantsinghrajput #restinpeacestar #love #peace #remembrance ❣️❣️💖💖🌟🤗🤗