ज़माना भी कितना सितमगर हुआ हैं, अलग तुमको मुझसे जो कर ही दिया हैं! मेरी जाँ किसी रोज़ मुझे अपना कहदो, बहुत ही दिनों से ये दिल 'तनहा' हैं! तारिक़ अज़ीम 'तनहा' #tumhedillagibhooljaanipdegi ज़माना भी कितना सितमगर हुआ हैं, अलग तुमको मुझसे जो कर ही दिया हैं! मेरी जाँ किसी रोज़ मुझे अपना कहदो, बहुत ही दिनों से ये दिल तनहा हैं!