परंतु आज कमरे में उसे एक नया परिवर्तन नजर आया जिसने उसकी जिंदगी को ही परिवर्तित कर दिया........................... आज उसे कमरे में स्थित खिड़की खुली नजर आई जो अब तक हमेशा बंद रहती थी रोहन से पूछा तो मालूम हुआ कल ही इंस्टीट्यूट वालों ने हॉस्टल में खिड़की खोलने की इजाजत दी है अद्भुत नजारा था बाहर का पीपल का वटवृक्ष और उस पर चहकती चिड़िया अचानक ही आकाश की नजर दाएं तरफ स्थित राधिका गर्ल्स हॉस्टल की तरफ गई हरे रंग से रंगा एक कमरा कमरे की खुली खिड़की और खिड़की में बैठी एक अनजान लड़की जो जल्दी ही अनजान से जान होने वाली थी कातिलाना निगाहें भुरे घुंघराले बाल मासूम चेहरा और चेहरे से निकलती मोहक चमक और पता नहीं क्या क्या पढ़ रहे रोहन को अकाश बता रहा है तभी सामने की खिड़की बंद हो जाती है और चहल कदमी करता हुआ अकाश अपने कमरे को चल देता है परंतु कमरे में मन नहीं लग रहा कुछ भी करने का मन नहीं है बस वही अनजान चेहरा बार-बार दिमाग में आ रहा है चहल कदमी करते हुए पैर अपने आप कुल्हाड़ी तक पहुंच जाते हैं आकाश एक बार फिर से रोहन के कमरे में था और सामने की खिड़की खुली देखकर नाचने गाने लगा उसके पागलपन को देखकर वह पगली भी मुस्कुरा गई बस फिर क्या था सिलसिला चल पड़ा मानो रोहन का कमरा चुंबक हो और आकाश लोहा आज 15 अक्टूबर है समय शाम 9:00 बजे का रोहन के कमरे में बैठा आकाश खिड़की खुलने का इंतजार कर रहा है पिछले 4 दिनों में उसे उसकी दिनचर्या मालूम हो गई थी वह जानता था की उसकी क्लास शाम की होती हैं और वह लगभग 9:00 बजे अपने कमरे को आती हैं तभी ख्यालों में खोए आकाश को टक की आवाज के साथ खिड़की खुलती सुनाई देती है और एक हाथ हिलता हुआ नजर आता है मानो वह उसे हाय बोल रही हो पर यह ख्याल नहीं था जी हां सच मे उसे हाय बोल रही थी शर्माते हुए आकाश ने भी अपना हाथ हिला दिया अब तो आकाश का उठना बैठना सोना पढ़ना 9:00 बजे के बाद रोहन के रूम में ही घटित होता था परंतु वह अनजान था यह सब उसे किस और लेकर जाने वाला है............ निरंतर जारी.......By-$.B.