आँधियों की हवाओं से दोस्ती क्या हुयी, दोनो ही कहर ला दिये कुदरत भी तामाशा देखता रह गया , और ये शहर ढा़ दिये मौसम बदल रहा #मौसम_बदला_है #बारिशकाइंतज़ार #आँधियों_से_लड़ना_बाकी_है #बचकर_रहना #शहर #कहर